Wednesday, August 29, 2012

नियमितीकरण के नाम पर एक बार फिर धोखा दे रही है दिल्ली सरकार

प्रेस वक्तव्य
नियमितीकरण के नाम पर एक बार फिर धोखा दे रही है दिल्ली सरकार

दिल्ली की गरीब पर मेहनतकश व स्वाभिमानी जनता की भावना से खिलवाड़ कर रही है शीला दीक्षित

२९ अगस्त २०१२, दिल्ली

माननीय मुख्यमंत्री जिस प्रकार 917 कालोनी को नियमित करने का ढिंढोरा पीट रही है, वो पहले दिल्ली की जनता को जवाब दे की इस खोखले नियमितकरण के दिखावे से इस कॉलोनियों में रहने वाली जनता को आखिर क्या मिलेगा?
मै माननीय मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित से मांग करती हूँ की वो निम्नलिखित सभी सवालो का जवाब दिल्ली की जनता खास तौर पर इन कॉलोनियों में रहने वाले नागरिको को दे:-
  1. क्या इन कॉलोनियो में रहने वाले निवासी अब अपने घर का नक्शा पास करवा सकेंगे?
  2. क्या इन कॉलोनियो के निवासी अब कानूनी तौर पर रजिस्ट्री करा कर जमीन व मकान की खरीद फरोख्त कर सकेंगे?


  3. क्या बैंक व अन्य आर्थिक क्षेत्र में काम कर रही संस्थाएं अब इन कॉलोनियों में मकान, जमीन व दुकानों को खरीदने व निर्माण करने ले लिए लोन देना शुरू कर देंगी?
  4. क्या दिल्ली सरकार इन सभी 917 कॉलोनियों का "स्टेटस पेपर" सार्वजनिक करेगी?


दिल्ली की जनता अब समझ चुकी है कि चुनावो से पहले हर बार शीला दीक्षित इसी प्रकार अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाली गरीब जनता की भावना से खिलवाड़ करती है. जिस प्रकार पिछले चुनाव से पहले श्रीमती सोनिया गाँधी जी के द्वारा "प्रोविजनल सर्टिफिकेट" देकर छलावा किया गया था वो दिल्ली की जनता अभी भूली नहीं है.

"मैं शीला दीक्षित जी को बताना चाहती हूँ की लकड़ी की हांडी बार बार नहीं चढ़ती, दिल्ली की जनता के सामने उनका व इस सरकार का असली चेहरा सामने आ चुका है. "

इस प्रकार दिखावे व छलावे की राजनीती करने से बेहतर है श्रीमती शीला दीक्षित इन अनधिकृत कॉलोनियो में बुनियादी सुविधाएँ प्रदान करवाए. यहाँ के निवासी जो मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे है उनको पानी, बिजली, सीवर, सड़क, सामुदायिक भवन, विद्यालय, चिकित्सालय जैसी मूल सुविधाओं की आवश्यकता है, उन्हें आवश्यकता है कि उनकी जमीन व मकान की खरीद फरोख्त पक्की हो, उन्हें आवश्यकता है कि उनके मकानों के नक़्शे कानूनी तौर पर पास किये जाये.
अगर शीला सरकार 2008 में जनता से किये अपने वादे को लेकर गंभीर होती तो आज इन सभी कॉलोनियों के निवासियों को बुनियादी हक़ मिल चुका होता. लेकिन लगता है कि शीला दीक्षित जी ये मान कर बैठी थी कि वो दिल्ली की जनता को एक बार फिर कालोनी नियमितीकरण  का चुनावी झुनझुना पकड़ा कर ही काम चला लेंगी.


अनधिकृत कॉलोनियों में रह रहे दिल्ली के लाखो नागरिक सभी बुनियादी सुविधायों के हक़दार है, ये सभी नागरिक गरिमापूर्ण जीवन यापन के लिए संघर्षरत है, रात दिन मेहनत करके अपना व अपने परिवार का भरण पोषण कर पा रहे है.

मैं एक बार फिर माननीय मुख्यमंत्री महोदया से हाथ जोड़ कर निवेदन करुँगी कि "अपने राजनीतिक फायदे के लिए दिल्ली की गरीब जनता की भावनाओ से खिलवाड़ ना करे. मंहगाई और भ्रष्टाचार से जूझ रहे आम आदमी के साथ किया गया ये खिलवाड़ उनको बहुत मंहगा पड़ सकता है. "

मुख्यमंत्री जी का व्यवहार देख कर मुझे दिनकर कि ये पंक्तियाँ याद आती है :-

मानो,जनता हो फूल जिसे अहसास नहीं,

जब चाहो तभी उतार सजा लो दोनों में;
  या कोई दुधमुंही जिसे बहलाने के
जन्तर-मन्तर सीमित हों चार खिलौनों में।

मैं शीला दीक्षित जी को याद दिलाना चाहती हूँ कि
लेकिन होता भूडोल, बवंडर उठते हैं,
जनता जब कोपाकुल हो भृकुटि चढाती है;


शीला जी, दिल्ली कि जनता कि भावनाओ से खिलवाड़ बंद करे व अनधिकृत कॉलोनियों में रह रहे आम नागरिको को किस प्रकार बुनियादी सुविधाएँ मिल सकती है उसका उपाय करे. कॉलोनियों के नियमितीकरण का ये छलावा केवल एक चुनावी स्टंट है.

- डॉ अन्नपूर्णा मिश्रा 

 

Saturday, August 18, 2012

महापौर ने किया न्यू उस्मानपुर स्थित निगम फ्लैट्स में चल रहे मरम्मत कार्यो का निरीक्षण

महापौर ने किया न्यू उस्मानपुर स्थित निगम फ्लैट्स में चल रहे मरम्मत कार्यो का निरीक्षण

कार्यो की गुणवत्ता निम्न स्तर की पाए जाने पर सतर्कता विभाग को सौपी जांच 

सम्बंधित एजेंसी को दिए जाने वाले भुगतान पर लगायी रोक

१७ अगस्त २०१२ पूर्वी दिल्ली नगर निगम

पूर्वी दिल्ली की महापौर डॉ अन्नपूर्णा मिश्रा ने आज न्यू उस्मानपुर क्षेत्र में स्थित निगम फ्लैट्स में चल रहे मरम्मत कार्यो का निरीक्षण किया. दौरे के दौरान देखा गया की मरम्मत कार्यो में इस्तेमाल की जा रही सामग्री की गुणवत्ता बहुत ही निम्न स्तर की है.

दौरे के दौरान महापौर महोदया  को ज्ञात हुआ की इस कार्य को संपन्न करने की अवधि केवल ६ महीने थी परन्तु २१ महीने बीत जाने के पश्चात् भी कार्य पूरा नहीं हुआ है, वही समयावधि बढ़ने के कारण कार्य की लागत भी लगातार बढती जा रही है, जिसका सीधा नुकसान नगर निगम को हो रहा है. 

महापौर डॉ अन्नपूर्णा मिश्रा ने देखा की निगम के इन फ्लैट्स में दीवार, फर्श, दरवाजे, छत, सेनिटरी फिटिंग इत्यादि का काम बहुत ही घटिया तरीके से किया जा रहा है.  दौरे के दौरान ज्ञात हुआ की निगम द्वारा काम कर रही एजेंसी को कार्य  राशी के बड़े हिस्से का भुगतान किया जा चूका है.

महापौर महोदया ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल सतर्कता विभाग को जांच करने का आदेश दिया. साथ ही महापौर महोदया ने निर्देश दिया है कि निगम के उन अधिकारियों को भी जांच के दायरे में लाया जाये जिन्होंने कार्य कि गुणवत्ता निम्न स्तर कि होने के बावजूद सम्बंधित एजेंसी को दिए जाने वाली भुगतान राशी को स्वीकृति प्रदान की.

महापौर डॉ मिश्रा ने इस सम्बन्ध में निगामुय्क तो पत्र लिखकर प्रथम दृष्टया दोषी लग रहे अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने का निर्देश भी दिया.

दौरे के दौरान महापौर डॉ अन्नपूर्णा मिश्रा ने कहा, इस प्रकार की लापरवाही व जनता के पैसो के साथ खिलवाड़ किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. उन्होंने कहा की पूर्वी दिल्ली नगर निगम से भ्रष्टाचार को हटाने के लिए उनकी प्रतिबद्धता है तथा इस प्रकार के औचक दौरों के द्वारा भ्रष्टाचार के विरूद्ध अभियान जारी रहेगा.

Tuesday, August 14, 2012

स्वतंत्रता दिवस का संबोधन

पूर्वी दिल्ली नगर निगम की महापौर डॉ अन्नपूर्णा मिश्रा द्वारा स्वतंत्रता दिवस का संबोधन


साथियों स्वतंत्रता दिवस के इस अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाये एवं बधाई.

जैसा की हम सभी जानते है कि सन् 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के यज्ञ का आरम्भ किया महर्षि दयानन्द सरस्वती ने और इस यज्ञ को पहली आहुति दी मंगल पांडे ने। देखते ही देखते यह यज्ञ चारों ओर फैल गया। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, तात्यां टोपे और नाना राव जैसे योद्धाओं ने इस स्वतंत्रता के यज्ञ में अपने रक्त की आहुति दी। दूसरे चरण में 'सरफरोशी की तमन्ना' लिए रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक, चन्द्रशेखर आजाद, भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव आदि देश के लिए शहीद हो गए। तिलक ने 'स्वराज्य हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है' का उदघोष किया व सुभाष चन्द्र बोस ने 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूँगा' का मँत्र दिया। अहिंसा और असहयोग का अस्त्र लेकर महात्मा गाँधी और गुलामी की बेड़ियां तोड़ने को तत्पर लौह पुरूष सरदार पटेल ने अपने प्रयास तेज कर दिए। 90 वर्षो की लम्बी संर्घष यात्रा के बाद 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता देवी का वरदान मिल सका।

15 अगस्त भारत का स्वतंत्रता दिवस है। आजादी हमें स्वत: नहीं मिल गई थी अपितु एक लम्बे संर्घष और हजारों-लाखों लोगों के बलिदान के पश्चात ही भारत आजाद हो पाया था।
उन सभी शहीदों एवं स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति कृतज्ञता कि भावना के साथ मैं आज पूर्वी दिल्ली नगर निगम की "प्रथम सेवक" के रूप में आपको संबोधित कर रही हूँ.

मुझे यह कहते हुए संतुष्टि है कि
नए नगर निगम की स्थापना के शुरुआती दिनों में हम सबने मिलकर जनाकांक्षाओं और जनापेक्षाओं पर खरा उतरने का एक सकारात्मक प्रयास किया है.  बहुत सी मुश्किलों के बावजूद हमने एक नए नगर निगम कि मजबूत आधारशिला  रखने का सफल प्रयास किया है.
आज के इस अवसर पर मैं स्वयं को और आप सभी को एक लक्ष्य देना चाहती हूँ. एक लक्ष्य, एक स्वप्न, एक विजन. स्वप्न एक आदर्श नगर निगम का. स्वप्न एक ऐसी पूर्वी दिल्ली का जहाँ सभीको शिक्षा व स्वास्थ्य की समुचित सुविधाएँ हो, जहाँ नागरिको की  भागीदारी व सहयोग से निगम कार्य संपन्न हो, एक ऐसी पूर्वी दिल्ली जिसका पारदर्शी व जनप्रिय प्रशासन समूचे देश में उदहारण बन सके.
हम शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देना होगा । इन दो क्षेत्रों का सुधार inclusive विकास का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। आने वाले सालों में पूर्वी दिल्ली कि विशिष्ट पहचान के लिए भी यह बहुत जरूरी है । आज़ादी के बाद इन दो क्षेत्रों पर हम उतना ध्यान नहीं दे सके जितना जरूरी था । आज प्राथमिक शिक्षा तक करीब-करीब हर बच्चे की पहुंच है । साथ ही हमें शिक्षा की quality में सुधार लाना है । हमारा यह प्रयास है कि हर बच्चे को, चाहे वह अमीर हो, या गरीब, चाहे वह समाज के किसी भी तबके का हो, ऐसी शिक्षा मिले, जिससे उसकी शख्सियत का सही विकास हो सके और वह देश का एक जिम्मेदार नागरिक बन सके ।

एक आदर्श नगर निगम बनाए के मार्ग में कई चुनौतियाँ भी है, उनमे से एक चुनौती है भ्रस्टाचार. भ्रस्टाचार के खिलाफ एक सशक्त एवं सार्थक अभियान आज कि आवश्यकता है.
 

पूर्वी दिल्ली नगर निगम को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए मेरी प्रतिबद्धता है.

सिटिज़न चार्टर का अक्षरशः पालन व लोक सेवा गारंटी कि दिशा में ठोस प्रयास हमें अति शीघ्र करने होंगे. निगम में भ्रष्टाचार से सम्बंधित मामलो की तेजी से सुनवाई व निर्णय हो, जांच प्रकिया पारदर्शी व जवाबदेही सुनिश्चित हो, इस दिशा में ना केवल हम सबको एकजुटता से प्रयास करना होगा बल्कि इस पूरी प्रक्रिया में जागरूक नागरिको का सहयोग भी लेना होगा. 

मैंने ऑनलाइन जनता से संवाद की एक कोशिश शुरू की है और आप सभी से अनुरोध है की इस प्रकार के प्रयास अपने अपने स्तर पर शुरू करे.

पूर्वी दिल्ली नगर निगम में भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं  रहने दी जाएगी.
पूर्वी दिल्ली नगर निगम की सफल स्थापना को आज हम अपनी महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में देख रहे है. गत तीन मास में सभी विभागों ने यहाँ स्थापित होकर अपने कार्यो को करना आरंभ कर दिया है.

१. उद्यान विभाग में कुल १९६४ पार्क है इसमें १००० अलंकृत पार्क है तथा १५० पार्को का पुनर्विकास एवं एक पार्क को हर्बल बनाने की योजना है. इसके अतिरिक विभिन्न विभागों के सहयोग से एक लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है.
२. ओन-लाइन प्रोपर्टी टैक्स में भी सुधार हुआ है तथा सारा सिस्टम ओन लाइन कर दिया गया है.
३. इस वर्ष ३० स्कूल भवनों का निर्माण कार्य आरम्भ हो चूका है तथा अभी १५ और नए भवन प्रस्तावित है.
४. दिलशाद गार्डेन, विवेक विहार, मयूर विहार, विश्व कर्मा पार्क, सेंट्रल पार्क, कृष्णा नगर में अंडर ग्राउंड कार पार्किंग की योजना है.
५. राजस्व बढ़ने हेतु निगम सम्पतियों का पुनर्विकास किया जा रह है जैसे उस्मानपुर स्टाफ क्वार्टर्स, शालीमार पार्क का पम्पिंग स्टेशन, दिलशाद गार्डेन, बी ब्लाक के स्टाफ क्वार्टर्स, नन्द नगरी के स्टाफ क्वार्टर्स आदि.
६. स्वामी दयानंद अस्पताल में ३५० बेद का निर्णय लिया गया है, जो पहले २५० थे.
७. आयुर्वेद विभाग का पंचकर्म अस्पताल स्वामी दयानंद के परिसर के बाहर बनकर तैयार है. गीता कालोनी में दीनदयाल चिकित्सा संसथान तथा करावल नगर शल्य चिकित्सा संसथान अपनी जन सेवाए शीघ्र शुरू कर देगा.

इन सभी उपलब्धियों के साथ साथ इस वर्ष दिल्ली नगर निगम का विभाजन होना एक बड़ा परिवर्तन है जिसमे चुनौतियाँ भी है और अवसर भी. मुझे विश्वास है की आप सभी योग्य व अनुभवी अधिकारीयों व श्री एस एस यादव जैसे कुशल प्रशासक द्वारा हम सभी क्षेत्र की जनता के हित में हर चुनौती का सामना सफलता पूर्वक करेंगे.

नव गठित नगर निगम के बच्चो द्वारा इस अवसर पर वीर रस से ओतप्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए है. सभी बच्चे व उनके अध्यापक बधाई के पात्र है, जिन्होंने आज के समारोह की शोभा बधाई. दरअसल देशभक्ति की भावना का बीज बच्चो के मन में बचपन से ही रोपा जाता है.
ना जाने कब इन बच्चों में से देश धर्म की रक्षा के लिए सरदार भगत सिंह और वीर सावरकर और रानी लक्ष्मी बाई बनकर कौन सामने आ जाये, इसीलिए हमारा दायित्व है की आने वाली नई पीढ़ी को एक अच्छा भविष्य प्रदान करे.

बिछे हो लाख कांटे , पर चुभन बिलकुल नहीं आती
उम्मीदों का सफ़र हो तो, थकन बिलकुल नहीं आती

हम बहुत उम्मीदों व आशाव के साथ ६६वा  स्वतंत्रता दिवस, राष्ट्रिय पर्व के रूप में मन रहे है. अंत में आप सभो को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई.

भारत माता की जय
वन्दे मातरम

Wednesday, August 8, 2012

पूर्वी दिल्ली नगर निगम के १०० दिन

पूर्वी दिल्ली नगर निगम के १०० दिन
जनापेक्षाओं पर खरा उतरने का सकारात्मक प्रयास

8 अगस्त २०१२ पूर्वी दिल्ली नगर निगम

आज पूर्वी दिल्ली नगर निगम को १०० दिन सम्पूर्ण हो रहे है. ये १०० दिनों में जहाँ एक और भविष्य की गंभीर चुनौतियों का अहसास हुआ है वही दूसरी और एक संतुष्टि भी है की नए नगर निगम की स्थापना के इन शुरुआती दिनों में हमने जनाकांक्षाओं और जनापेक्षाओं पर खरा उतरने का एक सकारात्मक प्रयास किया है. 

इस अवसर पर मै धन्यवाद देना चाहूंगी हमारे समर्पित एवं कर्मठ निगम पार्षदों का जिन्होंने चुने जाने के तुरंत बाद सीधे जनता के बीच में जाकर काम करना आरम्भ किया, हमारे स्थायी समिति व अन्य समितियों के अध्यक्षों व सदस्यों का जिन्होंने संसाधनों की कमी के बावजूद समितियों की जिम्मेदारी को बखूबी अंजाम देना शुरू किया, हमारे निगम के कर्मचारियों का जो विषम परिस्थितियों में भी जनसेवा में संलंग है व निगम के आयुक्त सहित सभी अधिकारीयों का जिन्होंने निगम को सुचारू रूप  में लाने की दिशा में निरंतर प्रयास किया.

साथ ही धन्यवाद देना चाहूंगी मीडिया के साथियों का जिन्होंने पिच्च्ले सौ दिनों के दौरान रात दिन निगम की समस्याओं व जनता की भावनाओ को प्रकट करने की अपनी जिम्मेदारी को ना केवल बखूबी निभाया है वही हमारी कमियों से हमें आगाह भी किया है तथा अच्छे प्रयासों में हमारा साथ देकर मनोबल बढ़ाने का सकारात्मक कार्य भी किया है. 

पिछले १०० दिनों में किये गए कार्यो पर अगर नज़र डाले तो कुछ विशिष्ट प्रयास इस प्रकार रहे: -

  1. नए नगर निगम के कामकाज को तेजी से पटरी पर लाये, चाहे निगम कार्यालय की व्यवस्था सृदुढ़ करने की बात हो या अधिकारियों की व्यवस्था की, १०० दिनों के भीतर टेंट में कार्यालय लगाने की परिस्थिति से निगम को एक सुचारू व्यस्था प्रदान करने का असंभव सा दिखने वाला कार्य पूर्वी दिल्ली नगर की टीम द्वारा कर दिखाया गया.
  2. जबरदस्त आर्थिक संकट (ऐसी स्थिति जहाँ जरूरतमंदो को पेंशन तक समय पर दे पाना मुश्किल लग रहा था) व साधनों व संसाधनों की भारी कमी के बावजूद निगम पार्षदों की इक्छाशक्ति व निगम कर्चारियों व अधिकारियो की कर्मठता से जनापेक्षाओं पर खरा उतरने का यथासंभव प्रयास किया
  3. पूर्वी दिल्ली नगर निगम की विशिष्ट पहचान स्थापित की - इन १०० दिनों में महापौर व आयुक्त द्वारा नियमित दौरों व जनसंपर्क अभियान व निगम पार्षदों द्वारा "नगर निगम - आपके द्वार" की अवधारणा पर चलते हुए घर घर व गली गली जाकर जनता के मन में निगम के प्रति एक विश्वास की भावना को उत्पन्न करने में सफल रहे
  4. जन भावनाओं का सम्मान करते हुए गौ पालन का समर्थन में प्रस्ताव पारित किया
  5. पूर्वी दिल्ली के इतिहास में पहली बार एक एतिहासिक पहल करते हुए "सवा लाख पौधों के पौधारोपण" का वृहद् अभियान प्रारम्भ किया. हरित व विकसित नगर निगम की अपनी प्रतिबद्धता को कार्य के द्वारा साबित किया
  6. महापौर द्वारा जनता से सीधे तौर पर जुड़े निगम के कार्यो जैसे डिस्पेंसरी, मिड डे मील, सामुदायिक सुविधाएँ, सफाई, अस्पताल प्रबंधन, इत्यादि के सीधा व आकस्मिक निरिक्षण द्वारा गुणवत्ता में सुधर की दिशा में अनूठी पहल
  7. फेसबुक व ट्विटर के माध्यम से जनता एवं महापौर व निगम का सीधा संपर्क स्थापित किया
  8. डेंगू व मलेरिया की रोकथाम के लिए व्यापक जन जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया. निगम के सभी वार्डो में इससे सम्बंधित कार्यक्रम आयोजित किये गए.
  9. निगम के रिवेन्यु बढ़ने व नागरिको को सुविधाएँ देने हेतु विभिन्न स्थानों पर "संपत्ति कर" जमा करवाने के लिए केम्पो का आयोजन किया गया
  10. गीता कालोनी के शमशान घाट के दौरे के पश्चात सुधार हेतु महापौर कोष से धन उपलब्ध करवाने की पहल
  11. शिव विहार में वर्षो से जर्जर भवन में चल रहे प्राथमिक विद्यालय को स्थानांतरित करवाया व नए भवन निर्माण के लिए मार्ग प्रशस्त किया
  12. कल्याण पूरी में निगम की डिस्पेंसरी के लिए बनाये गए भवन को अवैध कब्ज़े से मुक्त कराया
  13. RWA - RWC को निगम से जोड़ने की दिशा में पहल की, विभिन्न RWAs के प्रतिनिधियों से मुलाकात व उनकी भागीदारी से निर्णय लेने की कोशिश शुरू की .    
  14. वर्षा जल संरक्षण को बढ़ावा देने की दिशा में प्रयास करते हुए " वर्षा जल संरक्षण" को भवन निर्माण का अभिन्न अंग बनाने की दिशा में ठोस शुरुआत की
  15. केशव उद्यान वेलकम झील में गंदे पानी को ट्रीट करके सुन्दर झील में विकसित करने की सुन्दर परियोजना का शुभारम्भ किया गया
  16. सोनिया विहार में ५२ कमरों के चार मंजिला नए प्राथमिक विद्यालय भवन के निर्माण की प्रक्रिया प्रारम्भ
  17. सोनिया विहार में डिस्पेंसरी हेतु भूमि की पहचान कर निर्माण की दिशा में ठोस प्रयास
  18. सोनिया विहार में लगभग १ करोड़ रूपये के कार्यो की टेंडर प्रक्रिया की शुरुआत 
  19. सीलमपुर में नए सामुदायिक भवन को क्रियान्वित किया
  20. पूर्वी दिल्ली में पार्किंग की सुविधा की दिशा में कार्य करते हुए ६ नयी पार्किंग स्थानों की पहचान का कार्य पूरा किया गया
  21. पूर्वी दिल्ली में स्थित एक मात्र निगम अस्पताल स्वामी दयानंद अस्पताल के नियमित दौरों के द्वारा नए भवन में स्थानांतरित होने की प्रक्रिया को गति दी, नए भवन में आवश्यक स्टाफ की भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई
सभी निगम पार्षदों द्वारा अपने अपने वार्ड स्तर पर भी इसी प्रकार के विभिन्न प्रयास किये जा रहे है.
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के स्थापना के प्रथम सौ दिनों के प्रयास एक अच्छी शुरुआत तो है पर अभी बहुत कुछ करना बाकि है. पूर्वी दिल्ली शेष दिल्ली की तुलना में विकास की दौड़ में पिछड़ा रह गया है, यहाँ विकास को समुचित रूप से शेष दिल्ली के समक्ष लाने के लिए जिस प्रकार के विशेष आर्थिक पैकेज व समर्थन की आवश्यकता है उसकी उपलब्धता तो दूर अभी तो न्यूनतम संसाधनों तक के आभाव का सामना करना पड़ रहा है. 

पर हम प्रतिबद्ध है की तमाम रूकावटो व बाधाओं के बावजूद हम पूर्वी दिल्ली नगर निगम को ना केवल विकास के पथ पर आगे ले जायेंगे बल्कि साथ ही यहाँ पारदर्शिता व जन भागीदारी की अनूठी मिसाल देकर एक  आदर्श नगर निगम के अपने सपने को पूरा करेंगे.