Tuesday, February 5, 2013

निगम विद्यालयों में नहीं कर सकेंगे प्रवेश से इनकार, शिक्षा के अधिकार को लागू करने की दिशा में ठोस निर्णय

निगम विद्यालयों में नहीं कर सकेंगे प्रवेश से इनकार,  शिक्षा के अधिकार को लागू करने की दिशा में ठोस निर्णय 

- बच्चे का दाखिला उनकी आयु के हिसाब से संबन्धित क्लास में किया जाएगा और किसी प्रकार का टेस्ट नहीं लिया जायेगा

- निवास या बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र के लिए नहीं होगी एफिडेविट की आवश्यकता 
- महापौर ने दिया सभी निगम विद्यालयों के बाहर स्पष्ट  सूचना लिखने के निर्देश 



5 फ़रवरी 2013, पूर्वी दिल्ली नगर निगम

पूर्वी दिल्ली नगर निगम की महापौर डॉ अन्नपूर्णा मिश्रा ने आज शिक्षा के अधिकार कानून को पूर्वी दिल्ली में लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण व ठोस प्रयास करते हुए विशेष निर्देश जारी किये है।

निगमायुक्त व शिक्षा निदेशक को दिए निर्देश में महापौर ने कहा है कि शिक्षा के मौलिक अधिकार कानून के तहत किसी भी छात्र को इस आधार पर प्रवेश देने से इनकार नहीं किया जा सकता कि  परिजनों के पास जन्म प्रमाण पत्र या निवास प्रमाण पत्र नहीं है।                          

"पारदर्शिता" संस्था द्वारा महापौर कार्यालय में दी गयी सूचना के अनुसार निगम के कई विद्यालयों में जन्म या निवास प्रमाण पत्र के ना होने के कारण कई बच्चो को प्रवेश देने से इनकार कर दिया  है या फिर उनके परिजनों से जन्म व निवास प्रमाण हेतु एफिडेविट देने के लिए कहा जाता है।

महापौर ने अपने निर्देश में स्पष्ट कहा है कि ये प्रक्रिया ये शिक्षा के मौलिक अधिकार के कानून के विरूद्ध है व इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।  

इस सम्बन्ध में सूचना मिलने के साथ ही महापौर महोदया ने निगम की शिक्षा समिति के अध्यक्ष श्री हर्ष मल्होत्रा से चर्चा कर ये निर्णय लिया है कि  पूर्वी दिल्ली में निगम के सभी विद्यालयों के बाहर विशेष सूचना पट लगाकर शिक्षा के मौलिक अधिकार के तहत प्रवेश की जानकारी स्पष्ट रूप से लिखी जाये।

उल्लेखनीय है कि 2009 में पास इस कानून के तहत 6 से 14 वर्ष तक के सभी बच्चो को नि:शुल्क व अनिवार्य शिक्षा का मौलिक अधिकार दिया गया है।

महापौर महोदया के इस निर्णय से अनधिकृत कालोनियों व गरीब परिवारों के उन लाखो परिवारो  के बच्चो को सीधा लाभ मिलेगा जो जन्म या निवास प्रमाण पत्र के आभाव में शिक्षा से वंचित रह जाते है।    

महापौर डॉ अन्नपूर्णा मिश्रा ने अपने निर्देश के साथ विद्यालयों में लगाये जाने वाली सूचना का नमूना भी जारी किया है, जिसका विवरण इस प्रकार है 
:-

"शिक्षा का अधिकार 2009 के तहत 6 से 14 वर्ष के आयु  के सभी बच्चों को स्कूल में दाखिला मिलने व शिक्षा पाने का अधिकार है। दाखिले के लिए किसी भी बच्चे को मना नहीं क्या जाएगा, बच्चे का दाखिला उनकी आयु के हिसाब से संबन्धित क्लास में किया जाएगा और किसी प्रकार का टेस्ट नहीं लिया जायेगा।


दाखिले के लिए निवास प्रमाण पत्र व बच्चे के जन्म प्रमाण के लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ आप जमा कर सकते हैं:

निवास का प्रमाण (कोई एक दस्तावेज):

·    बिजली/पानी/टेलीफ़ोन का बिल, राशन कार्ड, चुनाव पहचान पत्र या आधार कार्ड


बच्चे के जन्म का प्रमाण (कोई एक दस्तावेज़):

·   जन्म प्रमाण पत्र, अस्पताल /नर्स के रजिस्टर का रिकॉर्ड या आंगनवाड़ी रिकॉर्ड

यदि किसी अभियावक या माता-पिता के पास निवास या बच्चे के जन्म का कोई प्रमाण नहीं है तो ऐसे अभिभावक या माता पिता एक सादे कागज़ पर अपने बच्चे की जन्म तिथि लिख कर घोषणा कर सकते हैं। स्टांप पेपर पर किसी प्रकार के एफ़िडेविट जमा करने की आवश्यकता नहीं है।"

पूर्वी दिल्ली में नगर निगम के लगभग 400 विद्यालय है और पूर्वी दिल्ली के लाखो परिवारों के लिए बच्चो की शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए निगम विद्यालत ही एकमात्र माध्यम है।
     
इस अवसर पर पूर्वी दिल्ली की महापौर डॉ अन्नपूर्णा मिश्रा ने बताया कि क्षेत्र में शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए कई प्रयास किये जा रहे है, इनमे निगम के सभी विद्यालयों के पक्के भवनों का निर्माण, सभी विद्यालयों के कंप्यूटर कक्ष, पुस्तकालय इत्यादि बुनियादी  के साथ साथ शिक्षको को नियुक्ति ली प्रक्रिया भी शुरू की जा चुकी है।