एक मजबूत निगम व जनभागीदारी के प्रयासों को झटका, चुनावी राजनीती ऊपर उठ कर विचार करे दिल्ली सरकार
31 जनवरी 2013, पूर्वी दिल्ली नगर निगम
पूर्वी दिल्ली की महापौर डॉ अन्नपूर्णा मिश्रा ने आज दिल्ली सरकार द्वारा "दिल्ली नगर निगम " से सम्बंधित धर्मराजन कमेटी को भंग करने के कदम को लोकतंत्र विरोधी एवं दुर्भावनापूर्ण बताते हुए कहा कि इस कदम से दिल्ली में मजबूत एवं प्रभावी स्थानीय शासन प्रणाली की स्थापना व जनभागीदारी सुनिश्चित करने के प्रयासों को झटका लगेगा।
डॉ मिश्रा ने कहा कि धरमराजन कमेटी को 2010 में इस उद्देश्य से बनाया गया था कि यह कमेटी नए दिल्ली नगर निगम अधिनियम को बनाने का कार्य करेगी। दिल्ली सरकार द्वारा कमिटी को बनाया तो गया लेकिन इस कमिटी को कोई भी सुविधा नहीं दी गई। यहाँ तक की नए कानून को बनाने के लिए आवश्यक विधि लेखक भी नहीं दिए गए।
धर्मराजन कमेटी द्वारा सरकार को दिए सुझावों में स्थानीय निकायों को ज्यादा स्वायत्ता देने, संविधान के 74 वे संशोधन के अनुरूप देने, मेयर इन काउन्सिल बनाने, जन भागीदारी सुनिश्चित करने, अधिक पारदर्शी कार्यप्रणाली बनाने जैसे महत्वपूर्ण शामिल थे।
दिल्ली सरकार ने जिस प्रकार अचानक इस कमिटी को भंग करने का निर्णय लिया उससे लगता है कि दिल्ली सरकार इस विषय को चुनावी राजनीती के नजरिये से ही देख रही है।
धरमराजन कमिटी के साथ कई संस्थाएं, RWAs और जन प्रतिनिधि सहयोग कर रहे थे, इस निर्णय से इन सभी प्रयासों को झटका लगा है।
डॉ मिश्रा ने दिल्ली सरकार से इस मुद्दे पर राजनैतिक स्वार्थो से ऊपर उठ कर लोकतंत्र व जन हित को में हुए कार्य करने की अपील की।