पूर्वी दिल्ली नगर निगम की महापौर डॉ अन्नपूर्णा मिश्रा द्वारा स्वतंत्रता दिवस का संबोधन
साथियों स्वतंत्रता दिवस के इस अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाये एवं बधाई.
जैसा की हम सभी जानते है कि सन् 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के यज्ञ का आरम्भ किया महर्षि दयानन्द सरस्वती ने और इस यज्ञ को पहली आहुति दी मंगल पांडे ने। देखते ही देखते यह यज्ञ चारों ओर फैल गया। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, तात्यां टोपे और नाना राव जैसे योद्धाओं ने इस स्वतंत्रता के यज्ञ में अपने रक्त की आहुति दी। दूसरे चरण में 'सरफरोशी की तमन्ना' लिए रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक, चन्द्रशेखर आजाद, भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव आदि देश के लिए शहीद हो गए। तिलक ने 'स्वराज्य हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है' का उदघोष किया व सुभाष चन्द्र बोस ने 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूँगा' का मँत्र दिया। अहिंसा और असहयोग का अस्त्र लेकर महात्मा गाँधी और गुलामी की बेड़ियां तोड़ने को तत्पर लौह पुरूष सरदार पटेल ने अपने प्रयास तेज कर दिए। 90 वर्षो की लम्बी संर्घष यात्रा के बाद 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता देवी का वरदान मिल सका।
15 अगस्त भारत का स्वतंत्रता दिवस है। आजादी हमें स्वत: नहीं मिल गई थी अपितु एक लम्बे संर्घष और हजारों-लाखों लोगों के बलिदान के पश्चात ही भारत आजाद हो पाया था।उन सभी शहीदों एवं स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति कृतज्ञता कि भावना के साथ मैं आज पूर्वी दिल्ली नगर निगम की "प्रथम सेवक" के रूप में आपको संबोधित कर रही हूँ.
मुझे यह कहते हुए संतुष्टि है कि नए नगर निगम की स्थापना के शुरुआती दिनों में हम सबने मिलकर जनाकांक्षाओं और जनापेक्षाओं पर खरा उतरने का एक सकारात्मक प्रयास किया है. बहुत सी मुश्किलों के बावजूद हमने एक नए नगर निगम कि मजबूत आधारशिला रखने का सफल प्रयास किया है.
आज के इस अवसर पर मैं स्वयं को और आप सभी को एक लक्ष्य देना चाहती हूँ. एक लक्ष्य, एक स्वप्न, एक विजन. स्वप्न एक आदर्श नगर निगम का. स्वप्न एक ऐसी पूर्वी दिल्ली का जहाँ सभीको शिक्षा व स्वास्थ्य की समुचित सुविधाएँ हो, जहाँ नागरिको की भागीदारी व सहयोग से निगम कार्य संपन्न हो, एक ऐसी पूर्वी दिल्ली जिसका पारदर्शी व जनप्रिय प्रशासन समूचे देश में उदहारण बन सके.
हम शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देना होगा । इन दो क्षेत्रों का सुधार inclusive विकास का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। आने वाले सालों में पूर्वी दिल्ली कि विशिष्ट पहचान के लिए भी यह बहुत जरूरी है । आज़ादी के बाद इन दो क्षेत्रों पर हम उतना ध्यान नहीं दे सके जितना जरूरी था । आज प्राथमिक शिक्षा तक करीब-करीब हर बच्चे की पहुंच है । साथ ही हमें शिक्षा की quality में सुधार लाना है । हमारा यह प्रयास है कि हर बच्चे को, चाहे वह अमीर हो, या गरीब, चाहे वह समाज के किसी भी तबके का हो, ऐसी शिक्षा मिले, जिससे उसकी शख्सियत का सही विकास हो सके और वह देश का एक जिम्मेदार नागरिक बन सके ।
एक आदर्श नगर निगम बनाए के मार्ग में कई चुनौतियाँ भी है, उनमे से एक चुनौती है भ्रस्टाचार. भ्रस्टाचार के खिलाफ एक सशक्त एवं सार्थक अभियान आज कि आवश्यकता है.
पूर्वी दिल्ली नगर निगम को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए मेरी प्रतिबद्धता है.
सिटिज़न चार्टर का अक्षरशः पालन व लोक सेवा गारंटी कि दिशा में ठोस प्रयास हमें अति शीघ्र करने होंगे. निगम में भ्रष्टाचार से सम्बंधित मामलो की तेजी से सुनवाई व निर्णय हो, जांच प्रकिया पारदर्शी व जवाबदेही सुनिश्चित हो, इस दिशा में ना केवल हम सबको एकजुटता से प्रयास करना होगा बल्कि इस पूरी प्रक्रिया में जागरूक नागरिको का सहयोग भी लेना होगा.
मैंने ऑनलाइन जनता से संवाद की एक कोशिश शुरू की है और आप सभी से अनुरोध है की इस प्रकार के प्रयास अपने अपने स्तर पर शुरू करे.
पूर्वी दिल्ली नगर निगम में भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं रहने दी जाएगी. पूर्वी दिल्ली नगर निगम की सफल स्थापना को आज हम अपनी महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में देख रहे है. गत तीन मास में सभी विभागों ने यहाँ स्थापित होकर अपने कार्यो को करना आरंभ कर दिया है.
१. उद्यान विभाग में कुल १९६४ पार्क है इसमें १००० अलंकृत पार्क है तथा १५० पार्को का पुनर्विकास एवं एक पार्क को हर्बल बनाने की योजना है. इसके अतिरिक विभिन्न विभागों के सहयोग से एक लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है.
२. ओन-लाइन प्रोपर्टी टैक्स में भी सुधार हुआ है तथा सारा सिस्टम ओन लाइन कर दिया गया है.
३. इस वर्ष ३० स्कूल भवनों का निर्माण कार्य आरम्भ हो चूका है तथा अभी १५ और नए भवन प्रस्तावित है.
४. दिलशाद गार्डेन, विवेक विहार, मयूर विहार, विश्व कर्मा पार्क, सेंट्रल पार्क, कृष्णा नगर में अंडर ग्राउंड कार पार्किंग की योजना है.
५. राजस्व बढ़ने हेतु निगम सम्पतियों का पुनर्विकास किया जा रह है जैसे उस्मानपुर स्टाफ क्वार्टर्स, शालीमार पार्क का पम्पिंग स्टेशन, दिलशाद गार्डेन, बी ब्लाक के स्टाफ क्वार्टर्स, नन्द नगरी के स्टाफ क्वार्टर्स आदि.
६. स्वामी दयानंद अस्पताल में ३५० बेद का निर्णय लिया गया है, जो पहले २५० थे.
७. आयुर्वेद विभाग का पंचकर्म अस्पताल स्वामी दयानंद के परिसर के बाहर बनकर तैयार है. गीता कालोनी में दीनदयाल चिकित्सा संसथान तथा करावल नगर शल्य चिकित्सा संसथान अपनी जन सेवाए शीघ्र शुरू कर देगा.
इन सभी उपलब्धियों के साथ साथ इस वर्ष दिल्ली नगर निगम का विभाजन होना एक बड़ा परिवर्तन है जिसमे चुनौतियाँ भी है और अवसर भी. मुझे विश्वास है की आप सभी योग्य व अनुभवी अधिकारीयों व श्री एस एस यादव जैसे कुशल प्रशासक द्वारा हम सभी क्षेत्र की जनता के हित में हर चुनौती का सामना सफलता पूर्वक करेंगे.
नव गठित नगर निगम के बच्चो द्वारा इस अवसर पर वीर रस से ओतप्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए है. सभी बच्चे व उनके अध्यापक बधाई के पात्र है, जिन्होंने आज के समारोह की शोभा बधाई. दरअसल देशभक्ति की भावना का बीज बच्चो के मन में बचपन से ही रोपा जाता है.
ना जाने कब इन बच्चों में से देश धर्म की रक्षा के लिए सरदार भगत सिंह और वीर सावरकर और रानी लक्ष्मी बाई बनकर कौन सामने आ जाये, इसीलिए हमारा दायित्व है की आने वाली नई पीढ़ी को एक अच्छा भविष्य प्रदान करे.
बिछे हो लाख कांटे , पर चुभन बिलकुल नहीं आती
उम्मीदों का सफ़र हो तो, थकन बिलकुल नहीं आती
हम बहुत उम्मीदों व आशाव के साथ ६६वा स्वतंत्रता दिवस, राष्ट्रिय पर्व के रूप में मन रहे है. अंत में आप सभो को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई.
भारत माता की जय
वन्दे मातरम
साथियों स्वतंत्रता दिवस के इस अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाये एवं बधाई.
जैसा की हम सभी जानते है कि सन् 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के यज्ञ का आरम्भ किया महर्षि दयानन्द सरस्वती ने और इस यज्ञ को पहली आहुति दी मंगल पांडे ने। देखते ही देखते यह यज्ञ चारों ओर फैल गया। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, तात्यां टोपे और नाना राव जैसे योद्धाओं ने इस स्वतंत्रता के यज्ञ में अपने रक्त की आहुति दी। दूसरे चरण में 'सरफरोशी की तमन्ना' लिए रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक, चन्द्रशेखर आजाद, भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव आदि देश के लिए शहीद हो गए। तिलक ने 'स्वराज्य हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है' का उदघोष किया व सुभाष चन्द्र बोस ने 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूँगा' का मँत्र दिया। अहिंसा और असहयोग का अस्त्र लेकर महात्मा गाँधी और गुलामी की बेड़ियां तोड़ने को तत्पर लौह पुरूष सरदार पटेल ने अपने प्रयास तेज कर दिए। 90 वर्षो की लम्बी संर्घष यात्रा के बाद 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता देवी का वरदान मिल सका।
15 अगस्त भारत का स्वतंत्रता दिवस है। आजादी हमें स्वत: नहीं मिल गई थी अपितु एक लम्बे संर्घष और हजारों-लाखों लोगों के बलिदान के पश्चात ही भारत आजाद हो पाया था।उन सभी शहीदों एवं स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति कृतज्ञता कि भावना के साथ मैं आज पूर्वी दिल्ली नगर निगम की "प्रथम सेवक" के रूप में आपको संबोधित कर रही हूँ.
मुझे यह कहते हुए संतुष्टि है कि नए नगर निगम की स्थापना के शुरुआती दिनों में हम सबने मिलकर जनाकांक्षाओं और जनापेक्षाओं पर खरा उतरने का एक सकारात्मक प्रयास किया है. बहुत सी मुश्किलों के बावजूद हमने एक नए नगर निगम कि मजबूत आधारशिला रखने का सफल प्रयास किया है.
आज के इस अवसर पर मैं स्वयं को और आप सभी को एक लक्ष्य देना चाहती हूँ. एक लक्ष्य, एक स्वप्न, एक विजन. स्वप्न एक आदर्श नगर निगम का. स्वप्न एक ऐसी पूर्वी दिल्ली का जहाँ सभीको शिक्षा व स्वास्थ्य की समुचित सुविधाएँ हो, जहाँ नागरिको की भागीदारी व सहयोग से निगम कार्य संपन्न हो, एक ऐसी पूर्वी दिल्ली जिसका पारदर्शी व जनप्रिय प्रशासन समूचे देश में उदहारण बन सके.
हम शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देना होगा । इन दो क्षेत्रों का सुधार inclusive विकास का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। आने वाले सालों में पूर्वी दिल्ली कि विशिष्ट पहचान के लिए भी यह बहुत जरूरी है । आज़ादी के बाद इन दो क्षेत्रों पर हम उतना ध्यान नहीं दे सके जितना जरूरी था । आज प्राथमिक शिक्षा तक करीब-करीब हर बच्चे की पहुंच है । साथ ही हमें शिक्षा की quality में सुधार लाना है । हमारा यह प्रयास है कि हर बच्चे को, चाहे वह अमीर हो, या गरीब, चाहे वह समाज के किसी भी तबके का हो, ऐसी शिक्षा मिले, जिससे उसकी शख्सियत का सही विकास हो सके और वह देश का एक जिम्मेदार नागरिक बन सके ।
एक आदर्श नगर निगम बनाए के मार्ग में कई चुनौतियाँ भी है, उनमे से एक चुनौती है भ्रस्टाचार. भ्रस्टाचार के खिलाफ एक सशक्त एवं सार्थक अभियान आज कि आवश्यकता है.
पूर्वी दिल्ली नगर निगम को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए मेरी प्रतिबद्धता है.
सिटिज़न चार्टर का अक्षरशः पालन व लोक सेवा गारंटी कि दिशा में ठोस प्रयास हमें अति शीघ्र करने होंगे. निगम में भ्रष्टाचार से सम्बंधित मामलो की तेजी से सुनवाई व निर्णय हो, जांच प्रकिया पारदर्शी व जवाबदेही सुनिश्चित हो, इस दिशा में ना केवल हम सबको एकजुटता से प्रयास करना होगा बल्कि इस पूरी प्रक्रिया में जागरूक नागरिको का सहयोग भी लेना होगा.
मैंने ऑनलाइन जनता से संवाद की एक कोशिश शुरू की है और आप सभी से अनुरोध है की इस प्रकार के प्रयास अपने अपने स्तर पर शुरू करे.
पूर्वी दिल्ली नगर निगम में भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं रहने दी जाएगी. पूर्वी दिल्ली नगर निगम की सफल स्थापना को आज हम अपनी महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में देख रहे है. गत तीन मास में सभी विभागों ने यहाँ स्थापित होकर अपने कार्यो को करना आरंभ कर दिया है.
१. उद्यान विभाग में कुल १९६४ पार्क है इसमें १००० अलंकृत पार्क है तथा १५० पार्को का पुनर्विकास एवं एक पार्क को हर्बल बनाने की योजना है. इसके अतिरिक विभिन्न विभागों के सहयोग से एक लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है.
२. ओन-लाइन प्रोपर्टी टैक्स में भी सुधार हुआ है तथा सारा सिस्टम ओन लाइन कर दिया गया है.
३. इस वर्ष ३० स्कूल भवनों का निर्माण कार्य आरम्भ हो चूका है तथा अभी १५ और नए भवन प्रस्तावित है.
४. दिलशाद गार्डेन, विवेक विहार, मयूर विहार, विश्व कर्मा पार्क, सेंट्रल पार्क, कृष्णा नगर में अंडर ग्राउंड कार पार्किंग की योजना है.
५. राजस्व बढ़ने हेतु निगम सम्पतियों का पुनर्विकास किया जा रह है जैसे उस्मानपुर स्टाफ क्वार्टर्स, शालीमार पार्क का पम्पिंग स्टेशन, दिलशाद गार्डेन, बी ब्लाक के स्टाफ क्वार्टर्स, नन्द नगरी के स्टाफ क्वार्टर्स आदि.
६. स्वामी दयानंद अस्पताल में ३५० बेद का निर्णय लिया गया है, जो पहले २५० थे.
७. आयुर्वेद विभाग का पंचकर्म अस्पताल स्वामी दयानंद के परिसर के बाहर बनकर तैयार है. गीता कालोनी में दीनदयाल चिकित्सा संसथान तथा करावल नगर शल्य चिकित्सा संसथान अपनी जन सेवाए शीघ्र शुरू कर देगा.
इन सभी उपलब्धियों के साथ साथ इस वर्ष दिल्ली नगर निगम का विभाजन होना एक बड़ा परिवर्तन है जिसमे चुनौतियाँ भी है और अवसर भी. मुझे विश्वास है की आप सभी योग्य व अनुभवी अधिकारीयों व श्री एस एस यादव जैसे कुशल प्रशासक द्वारा हम सभी क्षेत्र की जनता के हित में हर चुनौती का सामना सफलता पूर्वक करेंगे.
नव गठित नगर निगम के बच्चो द्वारा इस अवसर पर वीर रस से ओतप्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए है. सभी बच्चे व उनके अध्यापक बधाई के पात्र है, जिन्होंने आज के समारोह की शोभा बधाई. दरअसल देशभक्ति की भावना का बीज बच्चो के मन में बचपन से ही रोपा जाता है.
ना जाने कब इन बच्चों में से देश धर्म की रक्षा के लिए सरदार भगत सिंह और वीर सावरकर और रानी लक्ष्मी बाई बनकर कौन सामने आ जाये, इसीलिए हमारा दायित्व है की आने वाली नई पीढ़ी को एक अच्छा भविष्य प्रदान करे.
बिछे हो लाख कांटे , पर चुभन बिलकुल नहीं आती
उम्मीदों का सफ़र हो तो, थकन बिलकुल नहीं आती
हम बहुत उम्मीदों व आशाव के साथ ६६वा स्वतंत्रता दिवस, राष्ट्रिय पर्व के रूप में मन रहे है. अंत में आप सभो को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई.
भारत माता की जय
वन्दे मातरम